नई दिल्ली। नोएडा अथॉरिटी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि, सुपरटेक एमरेल्ड ट्विन टावर को गिराने का काम शुरू हो गया है. इसे 22 मई तक गिरा दिया जाएगा.
देश की शीर्ष अदालत ने नोएडा अथॉरिटी और सुपरटेक को नोएडा प्राधिकरण के हलफनामे में बताई गई समय-सीमा का पालन करने को कहा है. अदालत ने नोएडा अथॉरिटी से 17 मई को ताजा स्टेटस रिपोर्ट के साथ हाजिर होने को कहा है. इस मामले की अगली सुनवाई 17 मई को होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या आदेश दिया है?
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है.इस बेंच ने 7 फरवरी को दो हफ्ते में ट्विन टावर ढहाने का काम शुरू करने के आदेश दिए थे.
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पिछली सुनवाई में दोनों टावरों को गिराने के लिए नोएडा अथॉरिटी की ओर से सुझाई गई कंपनी को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दी थी. इसके साथ ही अदालत ने सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक को एक हफ्ते में डिमोलिशन एजेंसी अमेरिकी कंपनी ‘एडिफिस’के साथ समझौते पर दस्तखत करने का आदेश दिया था.
कोर्ट ने ट्विन टावर को गिराने के दिए थे आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 31 अगस्त को सुपरटेक एमेराल्ड के 40 मंजिला ट्विन टावर को तीन महीने में गिराने के आदेश दिए थे. यह समय सीमा बढ़ाई गई है.फैसला सुनाते हुए जस्टिस चंद्रचूड ने कहा था कि, ये मामला नोएडा अथॉरिटी और डेवलपर के बीच मिलीभगत का एक उदाहरण है.
इस मामले में सीधे-सीधे बिल्डिंग प्लान का उल्लंघन किया गया. नोएडा अथॉरिटी ने लोगों से प्लान शेयर भी नहीं किया.ऐसे में इलाहाबाद हाईकोर्ट का टावरों को गिराने का फैसला बिल्कुल सही था.अदालत ने कहा था कि दोनों टावरों को गिराने की कीमत सुपरटेक से वसूली जाए.