Skip to content

जानिए अपने संबोधन में क्या-क्या बोले RSS चीफ मोहन भागवत ?

नई दिल्ली। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के 96वें स्थापना दिवस के मौके पर देश की बढ़ती जनसंख्या से लेकर ड्रग्स तस्करी, सीमा पर घुसपैठ और सोशल मीडिया के खतरे से देश को आगाह किया.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता नारायण जी ‘भुलई भाई’ से की मुलाकात

ऐसी संस्कृति हो जो राष्ट्र को एक साथ बांधे और प्रेम को बढ़ावा दे

उन्होंने कहा कि, हम ऐसी संस्कृति नहीं चाहते हैं जो विभाजन को चौड़ा करे, बल्कि ऐसी संस्कृति हो जो राष्ट्र को एक साथ बांधे और प्रेम को बढ़ावा दे. उन्होंने कहा कि मंदिर,पानी, श्मसान एक हों.

नई पीढ़ी को इतिहास जानना चाहिए

भाषा ऐसी होनी चाहिए जिससे समाज जुड़े. समाज में भेद पैदा करने वाली भाषा नहीं होनी चाहिए. नई पीढ़ी को इतिहास जानना चाहिए. स्वतंत्रता के साथ ही हमें विभाजन का दर्द भी मिला.

‘सामाजिक परिवर्तन रथ’ लेकर सैफई पहुंचे प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव

जनसंख्या नीति पर दोबारा विचार की जरूरत

आरएसएस प्रमुख ने कहा कि, बढ़ती आबादी से देश में कई तरह की परेशानियां हैं. इसलिए जनसंख्या नीति पर दोबारा विचार की जरूरत है. उन्होंने कहा- “जनसंख्या नीति होनी चाहिए. हमें ऐसा लगता है कि इस पर फिर से विचार किया जाना चाहिए.

जनसंख्या का असंतुलन भी समस्या बन रही

पचास साल आगे तक का विचार कर एक नीति बनानी चाहिए और उस नीति को सब पर समान रूप से लागू करना चाहिए, क्योंकि जैसे जनसंख्या समस्या बन रही है उसी तरह जनसंख्या का असंतुलन भी समस्या बन रही है देश और दुनिया में. इसमें किसी के प्रति बुरा भाव नहीं है.

विजय रथ यात्रा : अखिलेश यादव ने की 2022 में होने वाले चुनावों की निर्णायक शुरूआत, BJP पर बोला हमला

हर वर्ग के लोगों ने आजादी में अमूल्य योगदान दिया

संघ प्रमुख ने कहा कि, स्वतंत्रता के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ा है. हर वर्ग के लोगों ने आजादी में अमूल्य योगदान दिया है. अब फिर विविधता की चौड़ी खाई बनी है.

उन्होंने कहा कि, गांधी ने नमक उठाकर सत्याग्रह की शुरुआत की थी. विदेशियों ने हमारे कमजोर समाज का लाभ उठाया. एकता और अखंडता की पहली शर्त है मजबूत समाज होना

आरएसएस चीफ ने कहा कि, स्वतंत्र भारत का चित्र कैसा हो इसकी, भारत की परंपरा के अनुसार, समान की कल्पनाएं मन में लेकर, देश के सभी क्षेत्रों से सभी जातिवर्गों से नकले वीरों ने तपस्य, त्याग और बलिदान के हिमालय खड़े किए. उन्होंने कहा कि देश का विभाजन दुख इतिहास है.

सयुंक्त किसान मोर्चे का कृषि कानून विरोधी आंदोलन न तो गैर राजनीतिक रहा न ही अहिंसक साबित हुआ…

नागपुर में संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि, समाज की आत्मीयता व समता आधारित रचना चाहने वाले सभी को प्रयास करने पड़ेंगे. सामाजिक समरसता के वातावरण को निर्माण करने का कार्य संघ के स्वयंसेवक सामाजिक समरसता गतिविधियों के माध्यम से कर रहे हैं.

श्री गुरु तेग बहादुर जी महाराज का 400वां प्रकाश पर्व

उन्होंने आगे कहा कि, इस वर्ष श्री गुरु तेग बहादुर जी महाराज का 400वां प्रकाश पर्व है. वह धार्मिक कट्टरता के खिलाफ खड़े होने के लिए शहीद हो गए थे. जो भारत में बहुत प्रचलित था. उन्हें “हिंद की चादर” या “हिंद की ढाल” की उपाधि से सराहा गया.

सीएम केजरीवाल ने उपराज्यपाल को लिखा पत्र- दिल्ली में कोरोना की स्थिति बेहतर, मिलनी चाहिए छठ पूजा की अनुमति

कोरोना जा रहा है… लेकिन हमें आदतें नहीं बदलनी है

उन्होंने कहा कि, कोरोना जा रहा है चला जाएगा मगर हमको अपनी आदतें नहीं बदलनी चाहिए। कोरोना काल में जो विवाह हुए हैं वो कम खर्चे में हुए हैं। हमको फालतू का व्यय रोकना चाहिए। वो बचा हुआ पैसा अपने रोटी, कपड़ा, मकान, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि में खर्च कीजिए।

मन्दिरों का संचालन हिन्दू भक्तों के ही हाथों में रहे

उन्होंने कहा कि, हिन्दू मन्दिरों का संचालन हिन्दू भक्तों के ही हाथों में रहे और हिन्दू मन्दिरों की सम्पत्ति का विनियोग भगवान की पूजा और हिन्दू समाज की सेवा व कल्याण के लिए ही हो।

महानवमी पर रामनवमी की बधाई! अखिलेश के ट्वीट पर बीजेपी ने कसा तंज

यह भी उचित व आवश्य,हिन्दू मन्दिरों का संचालन हिन्दू भक्तों के ही हाथों में रहे तथा हिन्दू मन्दिरों की सम्पत्ति का विनियोग भगवान की पूजा तथा हिन्दू समाज की सेवा व कल्याण के लिए ही हो, यह भी उचित व आवश्यक है।

देश
Copyrights 2021, All Rights reserved to VIBRANT BROADCASTING PVT. LTD. | Website Developed by - Prabhat Media Creations