Skip to content

शिक्षाविद् प्रो.अच्युत सामंत के आर्ट ऑफ गिविंग के 2024 के थीमः “Let’s AOG,” का शुभारंभ

ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में स्थित कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (कीट) और कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (कीस) स्थित प्रथम आदिवासी आवासीय विद्यालय में लगभग 65 देशों से अधिक देशों के लगभग 40,000 भी अधिक अधिक आदिवासी छात्र-छात्राएं समस्त आवासीय सुविधाओं का निःशुल्क उपभोग करते हुए फ्री में केजी कक्षा से लेकर पीजी कक्षा तक पढ़ते हैं।यह अब भारत सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा मान्याताप्राप्त विश्व का प्रथम आदिवासी आवासीय डीम्ड विश्वविद्यालय बन चुका है।यही नहीं,भारत भारत सरकार की एनआईआरएफ रैंकिंग में यह 16वें सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय और टाइम्स हायर एजुकेशन रैंकिंग 2024 के अनुसार भारत में छठा स्थान हांसिल कर चुका है। इसे यूनेस्को अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार 2022 और ग्रीन गाउन अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार 2023 से भी सम्मानित किया जा चुका है।

खेल के प्रति इस शैक्षिक संस्थान की प्रतिबद्धता भी काफी उल्लेखनीय और प्रशंसनीय है।कीट-कीस ने 15 ओलंपियनों को शिक्षा, छात्रवृत्ति और व्यापक प्रशिक्षण प्रदान करके तैयार किया है जो किसी भी विश्वविद्यालय के लिए असंभव उपलब्धि है। इसके छात्रों की उपलब्धियों में चीन में एशियाई खेलों में भाग लेने वाले 14 छात्रों में से चार पदक जीतना और 2023 में गोवा में आयोजित राष्ट्रीय खेल में 24 पदक जीतना भी शामिल है।कीस के खेल के प्रति इस समर्पण भाव को ध्यान में रखकर कीस को राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार 2022, फिक्की अवार्ड्स, स्पोर्ट्स स्टार अवार्ड्स और खेल सुविधाओं के लिए सीआईआई स्पोर्ट्स बिजनेस अवार्ड जैसे अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।

खेल से आगे, कीट-कीस सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में अनेक प्रकार के सामाजिक सुधार के कार्यों में प्रयासरत है जिनमें कुल लगभग 10 से अधिक आउटरीच कार्यक्रम शामिल हैं और उन्हीं में से सबसे प्रमुख और ऐतिहासिक पहल है- आर्ट ऑफ गिविंग जो वास्तव में कीट-कीस शिक्षाविद् तथा कंधमाल लोकसभा सांसद प्रो.अच्युत सामंत के वास्तविक जीवन दर्शन पर आधारित है। यह आर्ट ऑफ गिविंग- शांति, खुशी,सद्भाव और प्रेम को फैलाने, मानवीय संबंधों को मजबूत और सुमधुर बनाने, सभी से प्यार-मौहब्बत करने और जरूरतमंदों की मदद करने के लिए आरंभ किया गया है क्योंकि प्रो.अच्युत सामंत चाहते हैं कि उनके वास्तविक जीवन दर्शन से सभी लोगों के जीवन में कृतज्ञता और करुणा का सतत संचार हो।

17 मई, 2013 को कीट-कीस को आर्ट ऑफ गिविंग की शुरुवात हुआ और तब से इस दिन को दुनिया के लगभग 120 से अधिक देशों में इसे बड़े उत्साह और हर्षोल्लास के साथ अंतर्राष्ट्रीय आर्ट ऑफ गिविंग दिवस के रूप में मनाया जाता है। आर्ट ऑफ गिविंग जीवन-दर्शन की खूबसूरती इसमें समाहित विश्व मैत्री,सद्भाव तथा प्रेम आदि जैसी सार्वभौमिकता है जिसमें जाति-पाति, भाषा,लिंग, धर्म, सम्प्रदाय तथा जन्म स्थान आदि की समस्त बाधाओं के ऊपर उठकर विश्व के सभी की इसके मनाने में स्वेच्छिक भागीदारी है। 5 वर्ष के शिशु से लेकर 95 वर्ष की बयोवृद्ध भी इस के माध्यम से गले लगाते हुए नजर आते हैं। सच कहा जाय तो कीट-कीस के माध्यम से आर्ट ऑफ गिविंग जीवन-दर्शन की ऐतिहासिक पहल दुनिया के सभी जरूरतमंदों के लिए प्यार और मौहब्बत के समर्थन के सार्वभौमिक मूल्यों का शाश्वत पैगाम है।

गौरतलब है कि आर्ट ऑफ गिविंग के प्रत्येक साल के लिए एक विशेष थीम रखा जाता है जिसमें वर्ष 2024 के लिए थीम है-“Let’s AOG”। आर्ट ऑफ गिविंग को अपनाकर अपने जीवन के तौर-तरीकों को बदलना। पिछले कुछ वर्षों में आर्ट ऑफ गिविंग का थीम शिक्षकों, सहायकों, माताओं, बच्चों और हांशिए पर रहने वाले लोगों को प्रसन्न रखने आदि पर केंद्रित थीं।देकर खुश रहने पर आधारित थीं। आर्ट ऑफ गिविंग जीवन-दर्शन ने परिभाषित किया कि किसे देना है और क्या देना है। इस वर्ष का थीम स्वेच्छापूर्वक आर्ट ऑफ गिविंग को स्थान,देश,काल और पात्र के अनुसार देने की कला को सार्वभौम्य बनाना है, जिससे लोगों को इस जीवन-दर्शन को जिस भी तरीके से उचित लगे उसे अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

2024 के इस ‘आर्ट ऑफ गिविंग’ थीम के माध्यम से एक अवधारणा जीवन की एक वास्तविक क्रिया-प्रक्रिया बन जाएगी। यह रोजमर्रे की जिंदगी का एक अभिन्न हिस्सा बन जाएगी क्योंकि इसमें ध्यान खुद पर देने है, देने पर है, चाहे इसमें पैसा हो, समय हो, सुनने वाला कान, दयालु शब्द, या किसी अन्य प्रकार का समर्थन आदि ही क्यों न शामिल हो। यह जीवन-दर्शन भौतिकवाद से बहुत ऊपर है क्योंकि यह संवेदनात्मक तथा भावनात्मक संबंधों और खुशियों आदि पर जोर देता है जो देने वाले और प्राप्तकर्ता दोनों अनुभव कराता है।

2024 का आर्ट ऑफ गिविंग थीम एकता की भावना को बढ़ावा देने के बारे में है, जो दर्शाता है कि एक व्यक्ति भी यह आंदोलन शुरू कर सकता है, लेकिन सामूहिक प्रयास के माध्यम से ही यह बढ़ता है और प्रभावशाली बनता है। यह एक व्यक्तिगत कार्य से उदारता और दयालुता की सामुदायिक लहर तक की यात्रा का प्रतीक है। संक्षेप में अगर यह कहा जाय कि कीट-कीस के प्राणप्रतिष्ठाता तथा कंधमाल लोकसभा सांसद प्रो. सामंता की 2024 के लिए देने की कला, इसके विषय के “Let’s AOG,” सभी को एक ऐसे आंदोलन में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता है जो एकता, उदारता और देने की परिवर्तनकारी शक्ति का जश्न मनाता है।

यह ऐतिहासिक पहल एक सार्वभौमिक आह्वान है जो लोगों को अपने जीवन में देने की कला को शामिल करने के लिए प्रोत्साहित करता है, जिससे यह एक अभिन्न अंग बन जाता है कि वे कौन हैं और वे अपने आसपास की दुनिया के साथ कैसे बातचीत करते हैं।

Bijendra Singh

Uncategorized
Copyrights 2021, All Rights reserved to VIBRANT BROADCASTING PVT. LTD. | Website Developed by - Prabhat Media Creations