लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में तबादलों में अनियमितता की शिकायतों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त तेवर को देखते हुए गड़बड़ी दुरुस्त करने की कवायद शुरू कर दी गई है। शासन ने लोनिवि मुख्यालय को पत्र भेजकर अभियंताओं के सभी संवर्ग के तबादलों का परीक्षण करने के साथ ही स्थानांतरण नीति के उल्लंघन समेत कई बिंदु पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। पूछा है कि तबादले में किस स्तर पर गड़बड़ी हुई है? किस संवर्ग के कितने कार्मिकों का तबादला मानक के विपरीत किया गया है।
गौरतलब है कि लोनिवि में तबादलों में अनियमितता के बाद सीएम के निर्देश पर विभागीय मंत्री जितिन प्रसाद के ओएसडी को हटाने के साथ ही विभागाध्यक्ष मनोज कुमार गुप्ता समेत पांच लोगों को निलंबित कर दिया गया है। इसके बाद जितिन ने कहा था कि तबादले का परीक्षण कराया जाएगा। जरूरी हुआ तो गड़बड़ी दुरुस्त करने के साथ तबादले निरस्त भी किए जाएंगे।
वहीं, सूत्रों का कहना है कि तबादले में सरकार द्वारा घोषित स्थानांतरण नीति का खुलकर उल्लंघन किया गया है। मानकों को ताक पर रखकर 10 प्रतिशत से अधिक अवर अभियंताओं तबादला किया गया है। इसी प्रकार 20 प्रतिशत से अधीक्षण अभियंताओं का भी तबादला किया गया है। नव प्रोन्नत 182 अधिशासी अभियंताओं के अलावा 40 से अधिक अधिशासी अभियंताओं को भी इधर से उधर किया गया है।
‘शासन ने ट्रांसफर के बारे में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, जिसे तैयार कराया जा रहा है। मैं इससे अधिक बताने की स्थिति में नहीं हूं।’