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सीएम योगी ने की मां अन्नपूर्णा की दुर्लभ मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा, बोले- पीएम मोदी के प्रयासों से 100 साल बाद स्वदेश लौटीं मां

108 साल के लंबे इंतजार के बाद आज एक बार फिर मां अन्नपूर्णा की दुर्लभ मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कर दी गई। काशी विश्वनाथ मंदिर के ईशान कोण में सोमवार सुबह 9:30 बजे वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच प्रतिमा यात्रा की अगवानी की। पूरा मंदिर परिसर मां के जयकारे और हर-हर महादेव के उद्घोष से गुंजायमान रहा। इस मूर्ति को लेकर दिल्ली से चार दिन पहले निकली शोभायात्रा 18 जिलों से होते हुए कल शाम वाराणसी पहुंची थी।

काशी विश्वनाथ मंदिर के अर्चक दल ने काशी विद्वत परिषद की निगरानी में प्राण प्रतिष्ठा को पूर्ण कराया। मूर्ति स्थापना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाबा काशी विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगाई। जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक कर बाबा से आशीर्वाद मांगा। जनकल्याण के भावों से बाबा का पूजन अर्चन कर वहां से रवाना हुए।
बताया जाता है कि 1913 के आसपास वाराणसी में गंगा किनारे से मां अन्नपूर्णा की ये दुर्लभ मूर्ति चोरी हुई थी। चोरी होने के बाद मूर्ति तस्करों द्वारा गुपचुप तरीके से यह मूर्ति कनाडा पहुंचा दी गई और सालों से मैकेंजी आर्ट गैलरी में शोभा बढ़ाने लगी। मूर्ति पर अध्ययन करने के बाद एक भारतीय दिव्या मेहरा ने भारतीय दूतावास को इसके बारे में जानकारी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर कनाडा सरकार ने मूर्ति को लौटाने की पेशकश की। माता अन्नपूर्णा की इस मूर्ति को पिछले दिनों कनाडा से वापस दिल्ली लाया गया और फिर इसे यूपी सरकार को सौंप दिया गया था। अब यह मूर्ति नई दिल्‍ली राष्‍ट्रीय संग्रहालय होते हुए वाराणसी पहुंची है।

चुनार के बलुआ पत्‍थर से बनी अन्नपूर्णा की यह मूर्ति बहुत ही खास है। मूर्ति विशेषज्ञों ने इसे 18वीं सदी का बताया है। करीब तीन सदी पुरानी होने की वजह से यह मूर्ति काफी हद तक अपनी प्रकृति खो चुकी है। हालांकि ​कनाडा की आर्ट गैलरी में इसका रखरखाव काफी बेहतर रहा है। वाराणसी में आज भी इसी काल की कई मूर्तियां हैं, जो काशी के प्रस्‍तर कला की पहचान हैं।

इस मूर्ति में मां अन्नपूर्णा के एक हाथ में खीर का कटोरा और दूसरे हाथ में चम्‍मच है। माता का यह स्वरूप आस्था का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि मां अपने हाथों से चम्मच के खीर का प्रसाद भक्तों के बीच बांटकर उन्हें धन-धान्‍य से परिपूर्ण होने का आशीर्वाद दे रही हैं। खासकर काशी में अन्नपूर्णा माता को लेकर ऐसी मान्यता है कि यहां कभी कोई भूखा नहीं रहता।



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