Skip to content

जालौन में बाढ़ से हाहाकार, सीएम ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का किया हवाई निरीक्षण

जालौन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को जालौन जिले का दौरा कर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया। सीएम योगी ने सबसे पहले बाढ़ राहत शिविर में रह रहे लोगों के पास पहुंचकर उन्हें खाद्य सामग्री बांटी। इसके साथ ही सीएम ने दैवीय आपदा में अपनों को खोने वाले परिवार को आर्थिक सहायता देने की बात कही।

सीएम ने अधिकारियों को दिए जरूरी दिशा निर्देश

वहीं इसके बाद सीएम योगी ने अधिकारियों के साथ बाढ़ आपदा नियंत्रण को लेकर बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि, कोई भी व्यक्ति मदद से छूटे नहीं। बैठक के बाद सीएम ने बताया कि, जिले में 61 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। राहत कार्य के लिए सेना, एनडीआरएफ व एसडीआरएफ को लगाया गया है। चार लोगों की मौत हुई है। उन्होंने लोगों से अपील की कि, बाढ़ में सेल्फी लेकर जान को खतरे में न डालें।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत बचाव कार्य जारी

बता दें कि, लगातार हो रही बारिश के बीच, उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किसी भी तरह की जान-माल की क्षति को रोकने के लिए युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर संवेदनशील जिलों में बाढ़ नियंत्रण और राहत और बचाव कार्यों से जुड़ी तैयारियों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. आपात स्थिति से निपटने के लिए सरकार पहले से पुख्ता इंतजाम कर रही है।

लोगों को बांटी जा रही राहत सामग्री

राज्य सरकार ने लगभग 1133 नावें और 409 चिकित्सा दल तैनात किए हैं, जबकि 828 बाढ़ राहत शिविर, 976 बाढ़ चौकियां और 360 पशु राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। बाढ़ से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), एसडीआरएफ और पीएसी सहित 39 से अधिक टीमों को तैनात किया गया है। बाढ़ राहत शिविरों में पीने का पानी, शौचालय, कपड़े, बर्तन और बिस्तर जैसी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं. इन शेल्टरों में भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है।

नदियों का जलस्तर बढ़ने से हाहाकार

सिंचाई विभाग के अनुसार गंगा, यमुना, बेतवा, शारदा, कुवानो और चंबल नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है. राज्य में इस समय 15 जिलों के 247 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. उत्तर प्रदेश के इटावा, हमीरपुर और जालौन जिले बाढ़ की दृष्टि से अत्यधिक संवेदनशील जिले हैं। इनमें से प्रत्येक जिले में 60 से अधिक गांव बाढ़ प्रभावित हैं। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में संवेदनशील स्थानों का दौरा करने के निर्देश दिए हैं.

इन जिलों का भी बाढ़ से हाल बेहाल

राज्य सरकार बाढ़ से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए पूरी तरह से सतर्क है और राज्य के 9 जिलों इटावा, जालौन, बहराइच, श्रावस्ती, सिद्धार्थ नगर, गोरखपुर, लखनऊ, बलिया और वाराणसी में एनडीआरएफ की 10 से अधिक टीमों को तैनात किया गया है। जबकि एसडीआरएफ की 12 टीमों को इटावा, जालौन, बरेली, बिजनौर, लखनऊ, बलरामपुर, प्रयागरा, आगरा, गोरखपुर, अयोध्या, बलिया और कुशीनगर में तैनात किया गया है.

इसी तरह सीतापुर, प्रयागराज, बरेली, आगरा, आजमगढ़, मुरादाबाद, गोरखपुर, गोंडा, लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, गाजियाबाद, एटा और मेरठ समेत राज्य के 14 जिलों में पीएसी की 17 टीमें तैनात की गई हैं. इस प्रकार, वर्तमान में कुल 39 टीमें बचाव कार्यों के लिए पहले से तैनात हैं।

कई गांवों का संपर्क मुख्यालय से टूटा

बता दें कि, चंबल और यमुना नदी में आई बाढ़ से जालौन की माधोगढ़ तहसील और कालपी के 5 गांवों के बीच संपर्क टूट गया. वायु सेना के 2 हेलीकॉप्टरों की मदद से इन गांवों में परिवारों को राहत सामग्री वितरित की गई। माधोगढ़ के 10 गांवों में 1500 लोगों को दाल, चना, बिस्कुट, गुड़, नमकीन, नहाने का साबुन, माचिस और मोमबत्तियों वाले पैकेट बांटे गए हैं. कालपी तहसील के 5 गांवों में 1000 व्यक्तियों को सामग्री के पैकेट बांटे गए.

उत्तर प्रदेश
Copyrights 2021, All Rights reserved to VIBRANT BROADCASTING PVT. LTD. | Website Developed by - Prabhat Media Creations