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सूर्य देव का मेष राशि मे गोचर, क्या रहेगा असर ? जानें- आचार्य विजय वर्मा से

ग्रहों के राजा और समस्त जगत की आत्मा सूर्यदेव ने 14 अप्रैल 2023 दिन शुकवार समय 2.42 मिनट पर गुरुदेव की जलतत्वीय मीन राशि से निकलकर मंगल देव के स्वामित्व वाली मेष राशि मे प्रवेश किया है। बता दे कि मेष राशि सूर्य की उच्च राशि है। मेष राशि मे 10 डिग्री पर सूर्यदेव परमोच्च स्थिति मे होते है। सूर्य देव अग्नितत्वीय ग्रह है पुरुष क्षत्रिय जाति है। मेष राशि भी अग्नितत्वीय पुरुष और क्षत्रिय है। अत: सूर्य इस राशि मे शुभ फल देते देखे गये है। यहां पर सूर्य क्रमश: अश्विनी भरणी कृतिका नक्षत्र को पार करेंगे। गोचरीय स्थिति अगर देखे तो मेष राशि में सूर्य बुद्ध राहू स्थित है जो शनि तथा केतु की दृष्टि से दृष्ट है। मेष राशि मजबूत शुभ कर्तरी योग से शोभित है। क्योकि मीन राशि मे गुरु तथा वृष राशि मे शुक्र स्वराशियों मे होकर मेष राशि को शुभ बल प्रदान करे रहे हैं। मेष राशि मे सूर्य 15 मई 2023 तक विराजमान रहेगे। 22 अप्रैल 2023 को गुरुदेव राशि परिवर्तन करके मेष राशि मे प्रवेश करेंगे। तब मेष राशि मे सूर्य गुरु बुद्ध राहू चतुग्रही योग का निर्माण होगा । बता दे कि जब गोचर में कोई भी ग्रह उच्च स्थिति मे होती है तो वह बली होता है। अतः शुभ प्रभाव देने मे पूर्णतिया समर्थ होता है और ये तब और फलीभूत होता है जब उस ग्रह की दशा अर्न्तदशा जन्मकुण्डली मे चल रही हों साथ हीं उसकी स्थिति जन्मकुण्डली मे अच्छी हों। अतः ये तो स्पष्ट है कि सूर्य अपनी उच्च राशि मे बली अवस्था मे होगे। बुद्ध अदित्य योग का निर्माण भी होगा। लेकिन सूर्य राहु का ग्रहण योग का निर्माण भी होगा साथ ही शनिदेव अपनी दृष्टि का पूर्ण प्रयोग कर सूर्य देव के बल को कमजोर करने का प्रयास करेंगे। दो पापी ग्रह के प्रभाव से जगत की आत्मा कुछ तो प्रभावित होगी. मेष राशि तुला राशि कर्क राशि और मकर राशि वाले थोड़ा सा ज्यादा ध्यान रखें। – आचार्य विजय वर्मा

धर्म और राशि
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