यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की नीतियां और UP मॉडल की चर्चा पूरे देश में हो रही है इसीलिय बीजेपी में PM नरेंद्र मोदी के बाद दूसरे सबसे लोकप्रिय नेता के तौर पर उभरे हैं. BJP में देश के किसी भी कोने में चुनाव प्रचार की दरकार हो, योगी आदित्यनाथ की मांग सबसे ज्यादा रहती है। पूरब में त्रिपुरा, असम से लेकर पश्चिम में गुजरात तक हालिया विधानसभा चुनाव में योगी आदित्यानाथ ने अपनी उपयोगिता साबित भी की है। वहीं दक्षिण में भाजपा की हिन्दुत्व की प्रयोगशाला बन चुके कर्नाटक में भी विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। जाहिर है कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भी योगी के नाम का डंका बजना तय है और इसलिए कर्नाटक में बीजेपी स्टार प्रचारकों में UP के सीएम योगी आदित्यनाथ की मांग ज्यादा है। सीएम योगी पहले भी कर्नाटक दौरे पर गए थे।
यू ही नहीं योगी की मांग !
1- योगी ने त्रिपुरा चुनाव 2023 में 6 सीटों पर चुनाव रैलियां की थीं. इन सभी में भाजपा जीती थी.योगी ने त्रिपुरा में सीएम माणिक साहा समेत 6 प्रत्याशियों के लिए वोट मांगा था और वहां भी कमल ही छा गया.
2- गुजरात विधानसभा चुनाव में भी यूपी के मुख्यमंत्री ने ताबड़तोड़ 23 चुनाव रैली की थी. इन 23 में से 18 सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. योगी ने 15 दिनों में गुजरात विधानसभा चुनाव की 23 सीटों पर चुनाव प्रचार किया. इन 23 में से 18 सीटों पर बीजेपी जीती, यानी 80 फीसदी पर बीजेपी की विजय पताका फहराई. योगी ने एक दिन में 3 से 4 चुनाव रैली की थी।
3- बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री योगी की नीति के मुरीद हैं. मध्य प्रदेश, असम, गुजरात जैसे राज्यों के बीच कर्नाटक में भी योगी नीति की वकालत बीजेपी नेता करते रहे हैं. कर्नाटक में स्कूलों में गीता और रामायण पाठ जैसे फैसले भी योगी नीति से सीखने की तस्दीक करते हैं.