
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में BJP ने दक्षिण कर्नाटक की कनकपुरा-वरुणा सीटों पर अपने दो दिग्गज मंत्रियों आर अशोक और वी सोमन्ना को कांग्रेस के सीएम पद के दो अहम दावेदारों डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा है। इसके जरिये पार्टी की रणनीति कांग्रेसी दिग्गजों को उनके घरों में ही घेरने की ही नहीं बल्कि पार्टी के लिए अब तक कमजोर साबित हुए दक्षिण कर्नाटक में बेहतर प्रदर्शन कर दक्षिण भारत का अपना इकलौता किला बरकरार रखने की है। BJP के रणनीतिकारों का मानना है कि राज्य की सत्ता बरकरार रखने के लिए पार्टी को हर हाल में दक्षिण कर्नाटक में अपनी स्थिति सुधारनी होगी। इसलिए इस क्षेत्र में रणनीति बनाने की कमान गृह मंत्री अमित शाह के हाथों में है। शाह न सिर्फ दक्षिण कर्नाटक में डेरा डालेंगे, बल्कि कनकपुरा-वरुणा सीट की अपने स्तर पर व्यूहरचना भी करेंगे। अकेले इसी क्षेत्र में पीएम की पांच से छह रैलियां होंगी और पार्टी के पोस्टर ब्यॉय पूर्व सीएम येदियुरप्पा भी सबसे अधिक समय इसी क्षेत्र को देंगे। कनकपुरा सीट पर शिवकुमार वोक्कालिंगा समुदाय पर अपनी पकड़ के कारण बीते चुनाव चुनाव में लगातार बड़ी जीत दर्ज की है, जबकि भाजपा तीसरे स्थान पर रही है। अब भाजपा ने आर अशोक के रूप में वोक्कालिंगा समुदाय कद्दावर नेता को मैदान में उतारा है। वरुणा सीट पर सिद्धारमैया (कुरुबा) के खिलाफ पार्टी ने वी सोमन्ना (लिंगायत) को मैदान में उतारा है। इस सीट पर लिंगायत मतदाता सबसे ज्यादा हैं, मगर सिद्धारमैया और उनके पुत्र ओबीसी, दलित, मुस्लिम वोटों के सहारे चुनाव जीतते रहे हैं। यहां BJP की रणनीति लिंगायत के साथ दलित वोट में सेंध लगा कर उलटफेर करने की है।